Monday, September 28, 2020

नौशाद की हिरासत की मौत के मामले जमशेदपुर पुलिस जांच से संतुष्ट नही परिजन, सीबीआई जांच की मांग

September 28, 2020 

नेहाल अहमद | Twocircles.net 

जमशेदपुर: गोलमुरी के ऑटो रिपेयर शॉप के मालिक नौशाद की पुलिस हिरासत में कथित तौर पर पिटाई के कुछ दिनों बाद हुई मौत के बाद हो रही कार्रवाई सेे नौशाद के  परिजन संतुुष्ट नही है। अब नौशाद मामले की जाँच सिदगोड़ा थाना प्रभारी करेंगे । एसएसपी तामिलवाणन ने गोलमुरी के नौशाद प्रकरण की जांच का जिम्मा सिदगोड़ा थाना प्रभारी मनोज ठाकुर को सौंपा है । जांच के दौरान बर्मामाइंस थाना प्रभारी विनोदानंद सिंह को लाइन क्लोज़ किया गया है । कथित तौर पर पुलिस हिरासत में पिटाई के दौरान नौशाद की मौत की जाँच एसआइटी कर रही है । जांच प्रभावित न हो इस कारण एसएसपी ने बर्मामाइंस थानेदार को लाइन क्लोज़ किया है ।

बताते चलें कि 10 अगस्त को गोलमुरी निवासी मो. नौशाद को बर्मामाईंस थाना के प्रभारी गोलमुरी पुलिस की मदद से चोरी के एक मामले का हवाला देकर पूछताछ के लिए बर्मामाइंस थाना ले गए।  परिजनों को उसी दिन करीब 3:30 बजे दोपहर एमजीएम अस्पताल बुलाया गया था । यहां परिजनों को नौशाद बेहोशी की हालत में मिला। स्थिति गंभीर थी। आधी रात को वहां से उसे टाटा मुख्य अस्पताल परिजन ले गए। वह कुछ दिनों तक उपचाराधीन रहा और परिवार का दावा है कि 13 अगस्त को टीएमएच अस्पताल ने नौशाद को अस्पताल से छुट्टी देने और उसे घर ले जाने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया । टीएमएच में कुछ दिनों तक रखने के बाद उसे वहां से डिस्चार्ज कर दिया गया। 16 अगस्त को नौशाद के परिवार वालों ने अस्पताल के बिलों का भुगतान किया । उन्हें छुट्टी दे दी गई और घर ले गए ।

उसके बाद परिजन रिम्स रांची से लेकर जमशेदपुर के एमजीएम चक्कर काटकर थक गए और अंतत: 21 अगस्त को नौशाद की मौत हो गई। मौत के बाद आक्रोशित बस्तीवासियों ने गोलमुरी मुख्य सड़क को जाम कर दिया था। तब प्रशासन ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई का वादा किया था। लोग मान गए। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने को तैयार हो गए। अब स्वजन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के लिए भी चक्कर काट रहे हैं।

पुलिस पर पिटाई का आरोप लगने पर डीजीपी ने मामले पर संज्ञान लिया था। जिले के एसएसपी को जांच के आदेश दिए थे। एसएसपी ने ट्रैफिक डीएसपी शिवेंद्र से जांच कराई। कुछ ही घंटे में जांच की गई। पुलिस को क्लीन चिट दे दी गई। बताया गया कि थाना नौशाद को चोरी मामले में पूछताछ को लाया गया था। उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे अस्पताल पहुंचा दिया गया। कोई मारपीट नहीं की गई जबकि नौशाद ने टीएमएच में पत्नी को बताया पुलिस वालों ने मारपीट की थी

अब नौशाद की पत्नी कर रही है यह कवायद 

इस बाबत पिछले दिनों बर्मामाइंस थाना प्रभारी विनोदानंद सिंह और गोलमुरी थाना प्रभारी अरविंद कुमार एवं 8-10 सहयोगी पुलिस पदाधिकारियों पर जानबूझ कर दोषियों को बचाने के लिए प्राथमिकी दर्ज न करने के संबंध में मरहूम नौशाद की पत्नी शबाना परवीन ने  पुलिस महानिदेशक, रांची, झारखंड को आवेदन पत्र लिख कर कई बातें कहीं है जिसमें कहा गया है कि पिछले आवेदनों पर कारवाई नहीं हूई है । पहला आवेदन पत्नी शबाना परवीन की तरफ से  पुलिस अधीक्षक को  बीते 13 अगस्त को लिखा गया था जो मरहूम नौशाद को हत्या की नीयत से मार पीट कर बुरी तरह ज़ख्मी कर MGM में भर्ती कर भाग जाने के संबंध में था और फिर उसी माननीय  पुलिस अधीक्षक के नाम दूसरा आवेदन पति नौशाद की हत्या को लेकर 30 अगस्त  को लिखा गया था जिसकी एक रिसीविंग कॉपी भी दी गई ।

जिसको लेकर पत्नी शबाना परवीन का पत्र में कहना है कि कोई  ज़िला पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आवेदन देने के बावजूद भी पुलिस घटना की जांच करने तक नहीं आई और न ही किसी का बयान लेना उचित समझा और माननीय वरीय पुलिस अधीक्षक ने न्यूज़ चैनल पर यह बयान भी जारी कर दिया की बर्मामाइंस थाना द्वारा मारपीट की बात सही नहीं है तथा हत्या करने वालों एवं हत्या में संलिप्तता पुलिस अधिकारियों को अपने बयान में क्लीन चिट दे दिये और कहे की बर्मामाइंस थाना में ऐसी कोई बात नहीं हूई है, चोरी के आरोप में मृतक नौशाद आलम को ले जाया गया जहां उन्होंने उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) की बात कही और पुलिस ने मेरे मृतक पति मोहम्मद नौशाद को दवा दे दिया और कोरोना की जांच के लिए टीएमएच ले गए ।

शबाना के लिखे गए पत्र के मुताबिक उन्होंने लिखा है कि वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा न्यूज़ चैनल में दिये बयान में ये साफ ज़ाहिर होता है कि किस तरह  वरीय पुलिस अधीक्षक  हत्या के आरोपियों को बचाने के लिए  बयान दिया और आज तक पुलिस के दबाव के कारण मृतक मोहम्मद नौशाद का पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं दिया । जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी लेने के लिए मेरे द्वारा  अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम जमशेदपुर के कार्यालय में दिनांक बीते 4 सितंबर को आवेदन दिये, जिस तारीख़ को दिये उस दिन यह आश्वासन दिया गया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एक से दो दिन के अंदर दे दिया जायेगा लेकिन जब तीन दिन बीत गया तो  अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम जमशेदपुर के कार्यालय में जा कर पोस्टमॉर्टम की कॉपी के लिए मांग किये तो उन्होंने टाल मटोल पर मुझे वापस भेज दिया, जब मैंने अपने स्तर से जानकारी प्राप्त की तो मुझे पता चला कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एसडीओ कार्यालय में जमा हो चुका और मुझे न्यूज़ चैनल के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त हूई है कि मेरे मरहूम पति मोहम्मद नौशाद के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मरहूम मोहम्मद नौशाद के शरीर पर चोट के कई निशान पाये गए हैं । शबाना की मुताबिक  वो पुलिसिया कार्रवाई से आहत है। शबाना ने अपने पत्र में पुलिस पर कई गंभीर आरोपों के बाद सीबीआई जांच की मांग की है। 

September 24, 2020 | Published in Twocircles.net | 

Wednesday, September 2, 2020

एएमयू के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी रिहा

September 2, 2020

नेहाल अहमद | Twocircles.net 

अलीगढ़ सत्र न्यायालय ने पिछले साल 15 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) विरोध प्रदर्शन से संबंधित चार केस के मामलों में 9 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा आजमगढ़ से गिरफ्तार किए गए एएमयू के पूर्व छात्र सह मुस्लिम एक्टिविस्ट  शारजील उस्मानी को 1 सितंबर की रात जमानत दे दी.

शरजील उस्मानी ने मंगलवार को जेल से बाहर निकलते हुए कहा कि, “मैं उन सभी लोगों के प्रति अपने दिल की गहराईयों से शुक्रिया अदा करता हूं जो मेरे लिए सबसे मुश्किल समय में मेरे साथ खड़े रहे ।” उन्होंने कहा, “पिछले दो महीनों के बाद आज़ाद होने का यह पल बहुत अच्छा लगा”.

इसे शरजील उस्मानी के भाई अरीब उस्मानी (@Areebusmani8) ने  ट्वीट  कर बताया उन्होंने लिखा “अल्हम्दुलिल्लाह, शारजील भाई अलीगढ़ जेल से रिहा होकर अपने घर सुरक्षित पहुंच गये हैं । अल्लाह उन्हें खुश रखे और उनकी कुर्बानी स्वीकार करें । अल्लाह हमारे सभी भाइयों और बहनों की हिफाज़त करे जो अभी भी अन्यायपूर्ण तरीके से कैद में हैं । वो जल्दी रिहा हों “.

शरजील उस्मानी मुस्लिम विरोधी कानून सीएए एनआरसी एनपीआर का विरोध भाजपा के मुखर आलोचक के रूप में कथित रूप से हिंदू राष्ट्र की अवधारणा के विरुद्ध प्रदर्शनों की अगुआई कई वर्षों से करते आ रहे हैं. उस्मानी एक स्वतंत्र शोधकर्ता हैं.

इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स वाचडॉग्स, एमनेस्टी इंटरनेशनल, पत्रकार और मानवाधिकार वाच तथा नागरिक समाज समूहों के संरक्षण के लिए गठित कमिटी,  संघों, छात्र संगठनों तथा देश भर के फिल्म निर्माताओं व अन्य ने शरजील उस्मानी तथा सीएए विरोधी कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए विभिन्न वक्तव्य जारी किए थे जिन्हें ‘हिंदू राष्ट्रवादी सरकार ने मुस्लिम विरोधी कानूनों के विरोध में’ तथा सरकार द्वारा लगाये ग़लत आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूतपूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने शरजील उस्मानी के ज़मानत के संबंध में TwoCircles.net से बात करते हुए कहा कि ” सरकार विरोध के स्वर को रोकने की कोशिश कर रही है । छात्र कार्यकर्ता शरजील उस्मानी की हालिया गिरफ्तारी वर्तमान सरकार की अधिनायकवादी प्रवृत्ति को प्रकट करती है । उस्मानी मुसलमान युवक हैं । इस्लामोफोबिया के बढ़ते और भारतीय मुसलमानों के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ आवाज उठाते आ रहे हैं । वे भारत में मुसलमानों के ऐतिहासिक और क्रमबद्ध दमन से चिंतित रहे हैं । राज्य की मशीनरी ने, खासकर युवा मुस्लिम कार्यकर्ताओं के विरुद्ध, जो कि सीएए विरोधी विरोध के साथ जुड़े रहे हैं, इन गिरफ्तारियों को प्राथमिकता दी गई है. नागरिक समाज में वाक्पटु स्वर आता है और छात्र समुदाय देश में उभरती तानाशाह के लिए सबसे बड़ा खतरा है । शरजील उस्मानी की तरह की गिरफ्तारियों का जोरदार विरोध किया जाना चाहिए और वैसे विचारधारा के लोग जो वर्तमान में  जेलों में बंद हैं, वे सभी गिरफ़्तारियों की तत्काल रिहाई की मांग शुरू की जानी चाहिए”.

शरजील उस्मानी से पहले कई सीएए कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई है इनमें शारजील इमाम, सफ़ुरा ज़रगर , उमर खालिद, आसिफ़ इक़बाल तनहा, चंद्रशेखर रावण और मीरान हैदर सहित जैसे नाम शामिल है। छात्र इसे सरकार की दमनकारी नीति मान रहे हैं.

कुछ घण्टों पहले ही शरजील उस्मानी के अलावा कफ़ील खान, देवांगना कलिता और एएमयू छात्र नेता फ़रहान ज़ुबेरी की ज़मानत हो चुकी है. देश भर के अमन पसंद लोग मिरान हैदर, गुलफिशा फ़ातिमा,आसिफ़ इक़बाल तन्हा, शरजील इमाम व अन्य की रिहाई की राह देख रहे हैं.

thenehalahmad@gmail.com | Published in Twocircles.net | September 2, 2020 

ज़िंदगी और विश्व पर्यटन दिवस 2024

जीवन में ठहराव और घूमने-फिरने दोनों के अपने-अपने मायने हैं। उन मायनों में दोनों का अपना-अपना महत्व है।  अगर इंसान हमेशा एक जगह ह...