Saturday, January 23, 2021

पटना : रोजगार मांगने गए नियोजित शिक्षकों पर बिहार सरकार ने बरसाई लाठियां

January 21, 2021

नेहाल अहमद || TwoCircles.net के लिए

मंगलवार को बिहार के गर्दनीबाग़ ग्राउंड में TET/CTET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों द्वारा आहूत किए गए रोजगार की मांगो को लेकर विशाल धरने का आयोजन के 21 जनवरी तक के धरने में पुलिस ने लाठी भांज दी है। जिसके बाद से प्रदर्शन कर रहे नियोजित शिक्षकों में रोष हैं। अब इस लड़ाई में तेजस्वी यादव भी शामिल हो गए हैं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बिहार की राजधानी पटना के धरनास्थल गर्दनीबाग कूच किया गया था

सोमवार 18 जनवरी को शुरू हुए इस धरने को बिहार पुलिस द्वारा दूसरे ही दिन लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया गया। इसके बावजूद धरना जारी रहा।

जानकारी के मुताबिक इसमे 9 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं एवं 9 ही नामजद सहित 500 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। बिहार TET-2017/सीटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ के इंद्रजीत कुमार ने बताया कि “अचानक ही उन पर लाठीचार्ज कर दिया गया। इसमें कई को चोटें लगी है। उन्होंने कहा कि वे लोग अपनी मांगों को लेकर ही मानेंगे और आंदोलन को तेज़ किया जाएगा।”

TET उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने जब अपने हक़ के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आवाज़ उठानी चाही तो उसे दबाने के लिए जो बलपूर्वक कारवाई की गई जिसमें दो दर्जन से ज़्यादा अभ्यर्थियों को चोट आई है उसमें विकलांग अभ्यर्थी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि  विकलांगता को प्रधानमंत्री मोदी ने दिव्यांग शब्द से नवाजा है। एनडीए की सरकार दिव्यांगो को शब्दों से नवाजने के बाद बिहार में लाठी-डंडों से भी ‘नवाज’ रही है।

लाठीचार्ज में हताहत हुए कई आंदोलनकारी धरने ग्राउंड में ही छुपने की कोशिश किये तो कुछ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास गए और मंगलवार रात ही उनसे मुलाकात की। आंदोलनकारी अभ्यर्थियों ने उनको बताया कि “धरने का परमिशन चार दिन यानी 21 जनवरी तक है लेकिन ये लाठीचार्ज कर अचानक से बीच में खदेड़ा जाना चिंताजनक है। आंदोलनकारियों ने बताया कि “सरकार 94000 शिक्षकों की नियुक्ति को जल्द पूरा नहीं कर रही है।”

नियोजित शिक्षक बिहार प्राथमिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में ओपन कैंप के माध्यम से सभी अभ्यर्थियों की काउंसलिंग व नियुक्ति पत्र वितरण का शेड्यूल जारी किया जाने और  नियुक्ति पत्र वितरण के उपरांत विद्यालय में योगदान कराने और फिर प्रमाण पत्र की जांच कराने की मांग कर रहे हैं। संघर्ष कर रहे अनुपम कहते हैं ” बिहार की एनडीए सरकार ने रोज़गार के सवाल पर बात करने का नैतिक अधिकार खो दिया है। बेरोज़गारी आज प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा है लेकिन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं दिखती। बिहार के शिक्षित युवा दर दर भटक रहे हैं, धरना प्रदर्शन कोर्ट कचहरी में जीवन बर्बाद कर रहे हैं। लेकिन नीतीश सरकार में इन्हें न्याय की बजाए हर बार सिर्फ लाठी डंडा ही मिलता है। पटना के गर्दनीबाग में अभ्यर्थियों पर हुआ पुलिस लाठीचार्ज घोर निंदनीय है। सरकार को जवाब देना चाहिए कि आखिर किसके आदेश पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों को बर्बरता से मारा गया।

बिहार में शिक्षकों के कुल पौने तीन लाख ऐसे सरकारी पद हैं जो स्वीकृत होने के बावजूद खाली पड़े हैं। इसमें कई तरह के शिक्षकों की भर्ती लंबित पड़ी है जिसका असर सिर्फ बेरोज़गार युवाओं ही नहीं, राज्य की शिक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर भी पड़ रहा है। ‘युवा हल्ला बोल’ की टीम की जानकारी में लाखों की संख्या में ऐसे आंदोलित नौजवान हैं जिनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही, कोई सुध नहीं ले रहा। ऊपर से शांतिपूर्ण ढंग से अपना हक मांगने पर बेरहमी से पीटा जाता है।

Published in TwoCircles.net ||
January 21, 2021

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