Thursday, September 26, 2024

ज़िंदगी और विश्व पर्यटन दिवस 2024

जीवन में ठहराव और घूमने-फिरने दोनों के अपने-अपने मायने हैं। उन मायनों में दोनों का अपना-अपना महत्व है। अगर इंसान हमेशा एक जगह ही ठहरा रहे तो वह दूसरी जगहों के बारे में उस तरह से नहीं जान पाएगा जिस तरह का ज्ञान उसे किसी चीज़ को देखकर, छूकर या महसूस करके हो सकता है। तालाब में पानी ठहरा रहता है इसलिए गंदा भी हो जाता है। नदी में पानी कलकल करते बहती रहती है इसलिए उसके मुकाबले ठीक रहती है। 

उर्दू के शेयर ख़्वाजा मीर दर्द ने क्या खूब कहा है कि "सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल जिंदगानी फिर कहां, जिंदगी गर रही तो यह जवानी फिर कहां" !

बड़ी दिलचस्प और कितनी सच्ची बात है मगर यहां एक बात ज़रा ठहर कर सोचिए तो आपको पता चलेगा कि कई बार हमारे पास जवानी होती है तो हमारे जेब में पैसे नहीं होते और जब तक पैसे आते हैं तब तक कई बार कईयों की जवानी जा चुकी होती है। यह सामंजस्य, यह समन्वय उम्र और जेब का कैसे स्थापित किया जाए ? इसका तालमेल कैसा हो, जिससे कि आप इस दुनिया के खूबसूरत रंगों को देख पाएंगे इस ओर भी तो सोचिये। जो है उसमें सन्तुष्ट होना बहुत अच्छी बात है। मगर अगर चादर थोड़ी बड़ी हो तो पैर फैला लेने में हर्ज तो होनी नहीं चाहिए। फ़ुज़ूल ख़र्च से बचना चाहिए और साथ ही कंजूसी भी नहीं करनी चाहिए। आप मेरी बात अच्छी तरह समझ रहे होंगे। यह मैं अच्छी तरह केवल उम्मीद कर सकता हूँ। दुनियां के कई हिस्से केवल घर की दीवार पर टँगे कैलेंडर में छपे होने के लिए नहीं है और न केवल वह आपके मोबाइल के होम पेज पर रखने के लिए हैं बल्कि घूमने एवं उसका असल आनंद लेने के लिए भी है।

दरअसल हर तरफ़ एक भागमभाग की स्थिति है। लोग मौजूदा वक़्त के लिए जीये भी जा रहे हैं मगर अगले सुखद पल के इंतज़ार के साथ। "आह ! ज़िंदगी" से "अहा ! ज़िंदगी" की तरफ़ आख़िर हम लोग कब बढ़ेंगे ? क्यों नहीं मौजूदा वक़्त में ही घूमने निकल जाएं। जी यकीनन मैं घर-बार बेच कर उधार लेकर घूमने की बात नहीं कह रहा हूँ। मैं उनकी बात कर रहा हूँ जो फुर्सत निकाल सकते हैं जो इन सब को आसानी से कर सकते हैं। कई ग़रीब लोग धार्मिक स्थलों की यात्रा करने के लिए पैसे जोड़ते हैं जिससे उन्हें वहां जाने का अनुभव प्राप्त हो। 

यात्रा करना मेरा शौक है। यात्रा हमारे जीवन में नये अनुभव जोड़ती है। यात्राओं को एक शिक्षक के तौर पर भी देख सकते हैं, जो हमें एक बिल्कुल नई दुनिया से परिचित कराती हैं और चीज़ों को एक नये दृष्टिकोण से देखने का मौका देती है। पर्यटन, जिसे अक्सर आर्थिक विकास में योगदान से जोड़ कर देखा जाता है, शांति को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैश्विक स्तर पर, जहां दुनिया भर के देश परस्पर जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे पर निर्भर हैं, पर्यटन, लोगों द्वारा और लोगों के लिए बनाया गया उद्योग है। पर्यटन का असल में विभिन्न संस्कृतियों के बारे में सीखने, विदेशी भाषाओं को सुनने, विदेशी स्वादों को चखने, अलग-अलग भाषा एवं संस्कृति के लोगों के साथ संवाद स्थापित करने और सहिष्णुता का निर्माण करने का एक बेहद खूबसूरत माध्यम है।

विश्व पर्यटन दिवस 2024 की थीम :-

विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर पर्यटन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, संयुक्त राष्ट्र इस वर्ष विभिन्न संस्कृतियों को समझने और स्थायी पर्यटन प्रथाओं का अभ्यास करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए विश्व शांति पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसलिए विश्व पर्यटन दिवस 2024 की थीम रखी गयी है- ‘पर्यटन और शांति’ (Tourism and Peace)

पूर्वी यूरोप में स्थित यह देश बना है मेजबान :-

अक्तूबर 1997 में यूएन डब्ल्यूटीओ महासभा ने विश्व पर्यटन दिवस के उत्सव में संयुक्त राष्ट्र के भागीदार के रूप में कार्य करने के लिए प्रत्येक वर्ष एक मेजबान देश को नामित करने का फैसला किया था। तभी से हर वर्ष एक देश को मेजबान के तौर पर चुना जाता है। विश्व पर्यटन दिवस 2024 का मेजबान देश 'जॉर्जिया' है। यह पूर्वी यूरोप में स्थित एक खूबसूरत देश है। इस वर्ष विश्व पर्यटन दिवस 2024 का आधिकारिक सम्मेलन और कार्यक्रम 26 से 28 सितंबर तक जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी में आयोजित किया जा रहा है। 

विश्व पर्यटन दिवस का इतिहास :-

वर्ष 1980 से हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जा रहा है। यह तारीख विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र पर्यटन कानून को अपनाने की सालगिरह का जश्न मनाने के लिए चुनी गयी थी। संयुक्त राष्ट्र पर्यटन कानून की संकल्पना 27 सितंबर, 1970 को की गयी थी। इन कानूनों को वैश्विक पर्यटन में एक मील का पत्थर माना जाता है। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में उच्च मौसम के अंत और दक्षिणी गोलार्ध में मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है। 

पर्यटन में  'गिरावट': सोशल मीडिया के दिखावे में रील्स से जान को खतरा :-

आजकल ये देखा जा सकता है कि सोशल मीडिया के लिए लोग बहुत उल्टी-सीधी हरकत करने लग जाते हैं जिससे या तो उन्हें थाने में जाना पड़ जाता है या वे लोग ज़िंदगी से ही हाथ धो बैठते हैं। पहाड़ों, नदियों, समुंदर के पानी, झरनों से खौफ़ नहीं खाते हैं लोग। ऐसे इंस्टाग्राम के रील्स की चंद लाइक्स की लालच में अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं। हालांकि ये एक अच्छी बात है कि इन्हें ऐसी हरकत करने से आमतौर पर कमेंट में कोई इन्हें हीरो नहीं कह रहा होता है। लोग कमेंट में अपना गुस्सा ज़ाहिर करने आ जाते हैं। आमतौर पर कोई जल्दी इन्हें शाबाशी देता हुआ नहीं मिलता है। यह अलग बात है कि उस बदनामी में भी ऐसे रील्स बनाने वाले अपने हिस्से का नाम ढूंढ लेते हैं मगर हमारे समाज का यह निरर्थक अफ़सोस उस दिन प्रकट होता है जब किसी की लाश ढूंढे नहीं मिलती। हम ऐसी घटनाओं से सीख लेकर भी उन रील्स को कई बार अर्थ नहीं दे पाते। पानी, पहाड़, नदी, झरने, समुंदर में उठ रही लहरों से हम मज़ाक करना नहीं छोड़ते। कहीं ऐसा न हो कि हमें यह आदत कहीं का न छोड़े !

उपसंहार :-

उम्मीद करता हूँ कि अगर आप को कोई दिक्कत न हो तो आप कुछ दिनों के लिए अपनी जगह छोड़कर कहीं ऐसी जगह आप ज़रूर निकलेंगे जहां जाकर आप क़ुदरत के नज़ारे देख पाएंगे। आप देख पाएंगे कि दुनियां कितनी हसीन है। आप एक सही दिशा में अनुमान करने के लायक बढ़ेंगे और सोंचेंगे कि जब यह दुनियां इतनी खूबसूरत है तो दुनियां को बनाने वाला कितना खूबसूरत होगा ? और आप उसके  खूबसूरती का तस्व्वुर भी नहीं कर सकते। क्योंकि आपने हमेशा 'Creation' की खूबसूरती को देखा है। Creator को नहीं देखा है। अर्थ यही निकल कर आता है कि जब यह दुनियां इतनी खूबसूरत है तो दुनियां को बनाने वाला कितना खूबसूरत होगा ? 

- नेहाल अहमद
पीजीटी (हिंदी),
उच्च-माध्यमिक विद्यालय, 
बेलवा-काशीपुर, किशनगंज(बिहार)

भूतपूर्व छात्र: JNV, AMU और MANUU
Youtube Channel: 'Nehal Ahmad Official'  
thenehalahmad@gmail.com 

Tuesday, February 13, 2024

AMU Schools Admission Test Forms 2024-25 Available Here: Details

Nehal Ahmad's Report: AMU Schools Admission Test Forms 2024-25 Available Now :

13 फरवरी 2024 मंगलवार की शाम अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) ने अपने स्कूलों में क्लास I, VI & IX के लिए आगामी सत्र  2024-25 हेतु Application Form/Guide To Admission जारी कर दिया है।

अंतिम तिथि का इंतज़ार किये बिना जल्द से जल्द फ़ॉर्म भरने की कोशिश करें। नेहाल अहमद ने आपके सुविधा के लिए ये ब्लॉग लिखा है। प्रोस्पेक्टस के 19 पेज की महत्वपूर्ण बात यहां दी गई है। इसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों में साझा करें। धन्यवाद ! 

Admission Test For Class I:

Last Date For Apply:
(Without Late Fees Rs650/-): 
11 March 2024

Last Date For Apply:
(With Late Fees Rs950/-):
18 March 2024

Test Schedule :  
** Will be notified separately

AGE LIMITS: The candidates must be of the age between 5 to 7 years as on March 31, 2024. i.e. the date of Birth of the applicant must lie between April 01, 2017 to 
March 31, 2019 (both days inclusive)

Admission Test For Class VI:

Last Date For Apply:
(Without Late Fees Rs700/-): 
11 March 2024 

Last Date For Apply:
(With Late Fees Rs1000/-):
18 March 2024

Test Schedule:
** Will be notified separately

AGE LIMITS: The candidates must be of the age between 10 to 12 years as on March 31, 2024. i.e. the date of Birth of the applicant must lie between April 01, 2012 to March 31, 2014 (both days inclusive)

Admission Test For Class IX: 

Last Date For Apply
(Without Late Fees Rs750/-): 
11 March 2024

Last Date For Apply 
(With Late Fees Rs1050/-):
18 March 2024

Test Schedule :  
** Will be notified separately

AGE LIMITS: The candidates must be of the age between 13 to 15 years as on March 31, 2024. i.e. the date of Birth of the applicant must lie between April 01, 2009 to March 31, 2011(both days inclusive)

* Application Form for admission to Ahmadi School for the Visually Challenged can be 
obtained from the School/ downloaded from the website www.amucontrollerexams.com
Last date of receipt of Application Form is May 01, 2024.

School Entrance Exam Test Schedule: 
22 Mar, 2024 12:08 PM; Friday; Updated On Aligarh Muslim University Official Website - Schedule of Admission Test for Class I, VI & IX for session 2024-25

Nehal Ahmad Official updated on this blog at 3:29pm [ Around 3 hours later after announcement of dates].

Some Important Key Notes: 
(1) Submission of Online Application Form may be done only by accessing the University Website from here:
www.amucontrollerexams.com

Direct Link: Click Here: AMU School Admission Form [You can also download Guide to Admissions/Prospectus (Schools) 2024-25 from here for more details].

(2) Rs100/- Only for Physically Handicapped Candidates: Such candidates have to pay only Rs.100.00 as Admission Test Fee/Processing Charges at the time of applying. Further they will have to pay only Rs.100.00 towards Admission Charges (Tuition Fee), if selected for admission.

(3) There is no need to submit the printed copy of their Application Form. However, the candidate must ensure that all steps for submission of Form have been completed and payment has been made successfully, and is also reflected on applicant’s dashboard. Candidates should upload photo in white background.

Note: Candidates are advised to retain a printout of their filled-in form for future reference.

(4) Admit Card to appear in the Admission Test will be downloadable from Controller’s website: www.amucontrollerexams.com one week before the Admission Test date.

(5) Candidates is required to produce all relevant Certificates/Documents with regard to their date of birth, special categories claimed and other uploaded documents in original at the time of interaction/interview.

 (6) HOSTEL ACCOMODATION: 

(As per Mentioned In AMU Guide to Admission Schools 2024-25):

Hostel facilities are only available for students admitted to Class VI in S.T.S. School and for students admitted to Class IX in S.T.S. School and AMU Girls School and also for students admitted to Ahmadi School for the Visually Challenged. 

It is important to note that in view of the limited hostel accommodation, the candidates should clearly understand that the grant of admission to the above mentioned Schools would not ensure allotment of hostel accommodation.

Accommodation to students will be provided as per the policy / rules laid down by the Schools, subject to the availability of seats in the hostel.

(7) The closing date for admissions to Classes I, VI and IX in the Schools is 14.08.2024. Any vacancy arising after this date in any class shall not be filled.

(8) Feel free to Contact:
Click Here to MassageTelegram [Massage] 
Email: thenehalahmad@gmail.com 

Tuesday, January 10, 2023

AMU Schools Admission Test Forms 2023-24 Available Here: Details

Journalist Nehal Ahmad's Report: AMU Schools Admission Test Forms 2023-24 Available Now 


10 जनवरी 2023 मंगलवार को दोपहर 01:04PM बजे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) ने अपने स्कूलों में क्लास 1st, 6th & 9th के लिए आगामी सत्र  2023-24 हेतु आवेदन पत्र जारी कर दिया है।
अंतिम तिथि का इंतज़ार किये बिना जल्द से जल्द फ़ॉर्म भरने की कोशिश करें। पत्रकार नेहाल अहमद ने आपके लिए ये ब्लॉग लिखा है। इसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों में साझा करें। धन्यवाद ! 


Admission Test For Class I:

Last Date For Apply:
(Without Late Fees Rs600/-): 
5 February 2023

Last Date For Apply:
(With Late Fees Rs900/-):
12 February 2023 

Test Schedule :  
12 March 2023 
10:00AM-12:00PM 

Admission Test For Class VI:

Last Date For Apply:
(Without Late Fees Rs650/-): 
5 February 2023

Last Date For Apply:
(With Late Fees Rs950/-):
12 February 2023 

Test Schedule:
12 March 2023 
04:00PM-6:00PM 

Admission Test For Class IX: 

Last Date For Apply
(Without Late Fees Rs700/-): 
5 February 2023

Last Date For Apply 
(With Late Fees Rs1000/-):
12 February 2023 

Test Schedule :  
19 March 2023 
10:00AM-12:00PM 

Some Important Key Notes: 

(1) Submission of Online Application Form may be done only by accessing the University website:

www.amucontrollerexams.com

[You can also download Guide to Admissions (Schools) 2023-24 from here for more details].

(2) No fees for Physically Handicapped Candidates: The Physically Challenged candidates having 40% disability are exempted from the Processing Charges/ Test Fee, however such candidates will have to produce relevant documents in support of their claim else their candidature may be rejected at any time. They have no need to pay any kind of amount related to admission.

(3) There is no need to submit the printed copy of their Application Form. However, the candidate must ensure that all steps for submission of Form have been completed and payment has been made successfully, and is also reflected on applicant’s dashboard. Candidates should upload photo in white background.

Note: Candidates are advised to retain a printout of their filled-in form for future reference.

(4) Admit Card to appear in the Admission Test will be downloadable from Controller’s website: www.amucontrollerexams.com one week before the Admission Test date.

(5) Candidates is required to produce all relevant Certificates/Documents with regard to their date of birth, special categories claimed and other uploaded documents in original at the time of interaction/interview.

 (6) HOSTEL ACCOMODATION: 

(As per Mentioned In AMU Guide to Admission Schools 2023-24):

Hostel facilities are only available for students admitted to Class VI in S.T.S. School and for students admitted to Class IX in S.T.S. School and AMU Girls School and also for students admitted to Ahmadi School for the Visually Challenged. 

It is important to note that in view of the limited hostel accommodation, the candidates should clearly understand that the grant of admission to the above mentioned Schools would not ensure allotment of hostel accommodation.

Accommodation to students will be provided as per the policy / rules laid down by the Schools, subject to the availability of seats in the hostel.

(7) The closing date for admissions to Classes I, VI and IX in the Schools is 14.08.2023. Any vacancy arising after this date in any class shall not be filled.

(8) Feel free to Contact: Telegram: https://t.me/nehalahmadofficial
Email: thenehalahmad@gmail.com 

Monday, August 29, 2022

ग़ज़ल- फिरते रहे मौजों में दूर अपना किनारा रहा : नेहाल अहमद

स्वरचित ग़ज़ल की पंक्तियां :-

फिरते रहे मौजों में दूर अपना किनारा रहा 
उल्टी धार ही मेरे सफ़र का सहारा रहा 

बाहर बदला बहुत कुछ, अंदर कुछ भी नहीं
तुम मेरे न हो सके, मगर मैं तुम्हारा रहा 

दोनों तरफ़ के मामले में सब्र होता ही नहीं
बहुत लंबा तेरा इंतज़ार मेरा एकतरफ़ा रहा

एक सिरा हाथ लगने पर रास न आया हमको
छूट गया था जो कभी वही मन का प्यारा रहा 

मंज़िल का क्या बना पूछ के शर्मिंदा न कर
बस यूं समझ ले तन्हा चला था मैं तन्हा रहा 

मेरे बाद आने वालों तुम सब महरूम रह गए 
तुम्हारे हिस्से न ख़त रहे न वो डाकख़ाना रहा 

- नेहाल अहमद 
(वर्तमान में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के बीएड 2021-23 में अध्ययन; अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (2015-2021) और जवाहर नवोदय विद्यालय (2007-2014) से भी रहा अध्ययन)
nehalahmadofficial@gmail.com
#nehalahmadofficial

Friday, May 27, 2022

BREAKING: AMU और JNV किशनगंज के भूतपूर्व छात्र इंतिख़ाब क़ादरी (अमीर सयानी) का UPPSC के लेक्चरर पद पर चयन; 31वीं रैंक लाकर चौंकाया !

BREAKING: AMU और JNV किशनगंज के भूतपूर्व छात्र इंतिख़ाब क़ादरी (अमीर सयानी) का UPPSC के लेक्चरर पद पर चयन; 31वीं रैंक लाकर चौंकाया !

नेहाल अहमद रिपोर्ट: जवाहर नवोदय विद्यालय, किशनगंज में छठी कक्षा 2007 बैच (मेरा बैचमेट) एवं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(AMU), अलीगढ़ के मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक (2014-2018) करने वाले इंतिख़ाब क़ादरी उर्फ़ (अमीर सयानी) का चयन यूपीपीएससी द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश टेक्निकल एजुकेशन (टीचिंग) सर्विस परीक्षा-2021 में लेक्चरर पद के लिए हो चुका है और कमाल की बात ये है कि उन्हें 31वीं रैंक हासिल हुआ है। परीक्षा के आये परिणाम के बाद ये रैंक हासिल करते ही वो मेकेनिकल इंजीनियरिंग के लेक्चरर बन गए जहां वो अध्यापन का कार्य करेंगे। 
अपने महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान टेलीफोनिक इंटरव्यू/बातचीत में नेहाल अहमद को उन्होंने बताया कि कल बीते गुरुवार रात करीब 8 बजे आये परीक्षा के अंतिम परिणाम के बाद उनके घर में हर्ष का माहौल है। अब्बा-अम्मी को खुशी से नींद नहीं आई। किसान पिता के सपनों को साकार कर बिहार के किशनगंज में ठाकुरगंज स्थित भोगडाबर निवासी चयनित इस अभ्यर्थी को काफ़ी खुशी हो रही है। करीबी दोस्तों एवं परिजनों ने बधाई दी है एवं उन्होंने उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

Wednesday, May 4, 2022

मीडिया की आज़ादी में पिछड़े भारत को 180 देशों में 150वां स्थान, भारत के संदर्भ में RWB वेबसाइट का पढ़ें हिंदी अनुवाद

Reporters Without Boarders (RWB) Or French: Reporters sans frontières; RSF) 

फ्रांस की "रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स" ( Reporters Without Boarders) या French: Reporters sans frontières; RSF) नामक एक अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संस्था है जो हर साल विभिन्न देशों में मीडिया की आज़ादी, पत्रकारों पर हो रहे हमले एवं पत्रकारिता के लिए उचित मापदंडों को ध्यान में रखते हुए वहां की स्थिति को बयान करने के लिए कई पैमानों के आधार पर एक सूचकांक(Index) या लिस्ट जारी करती है। इस सूचकांक में फिलहाल वो दुनियां भर के 180 देशों को शामिल करती है। 

बड़ी ख़बर ये है कि इस वर्ष "रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स" की ओर से जारी हुए World Press Freedom Index में भारत की स्थिति काफ़ी चिंताजनक हैं। इस वर्ष 2022 का सूचकांक कल बीते मंगलवार 03 मई 2022 को जारी कर दिया गया जिसमें भारत को 180 देशों की तुलना में 150वां स्थान मिला है जो पिछले साल की तुलना में 8 पायदान और नीचे या पीछे जा चुका है। बताते चलें कि पिछले वर्ष भारत की रैंकिंग 142वें स्थान पर थी। मीडिया की रैंकिंग में भारत का पीछे होना कोई नई बात नहीं बल्कि पिछले कुछ सालों में इस रैंकिंग में भारत हर साल पीछे ही होता नज़र आ रहा है। 

रिपोर्टर्स विदआउट बोर्डर्स ने अपनी वेबसाइट में दर्ज कर भारत की ताज़ा रैंकिंग को लेकर भारत में पत्रकारिता से जुड़े कई पहलुओं के बारे जो अंग्रेज़ी में लिखा है उसका हिंदी में शब्दशः अनुवाद भारत के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के भूतपूर्व छात्र सह भारतीय पत्रकार नेहाल अहमद ने किया है। 

हिंदी में विस्तार से समझने के लिए उन बातों को रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स की वेबसाइट से सीधा हिंदी में अनुवाद पत्रकार नेहाल अहमद ने किया है जो इस प्रकार है: 

पत्रकारों के खिलाफ हिंसा, राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण मीडिया और मीडिया स्वामित्व की एकाग्रता सभी दर्शाती है कि प्रेस की स्वतंत्रता "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र" में संकट में है, 2014 से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शासित है। 

मीडिया परिदृश्य:

भारतीय मीडिया का परिदृश्य भारत जैसा ही है - विशाल और घनी आबादी वाला - और इसमें 100,000 से अधिक समाचार पत्र (36,000 साप्ताहिक सहित) और 380 टीवी समाचार चैनल हैं। लेकिन मीडिया आउटलेट्स की बहुतायत स्वामित्व की एकाग्रता की प्रवृत्ति को छुपाती है, राष्ट्रीय स्तर पर केवल कुछ मुट्ठी भर मीडिया कंपनियां, जिनमें टाइम्स ग्रुप, एचटी मीडिया लिमिटेड, द हिंदू ग्रुप और नेटवर्क 18 शामिल हैं। देश की अग्रणी भाषा हिंदी में चार दैनिक पाठकों की तीन चौथाई पाठक संख्या है। कोलकाता की बंगाली भाषा आनंदबाजार पत्रिका, मराठी में प्रकाशित मुंबई स्थित दैनिक लोकमत और दक्षिण भारत में वितरित मलयाला मनोरमा जैसे स्थानीय भाषा के प्रकाशनों के लिए क्षेत्रीय स्तर पर एकाग्रता और भी अधिक चिह्नित है। प्रिंट मीडिया में स्वामित्व का यह संकेंद्रण एनडीटीवी जैसे प्रमुख टीवी नेटवर्क के साथ टीवी क्षेत्र में भी देखा जा सकता है। राज्य के स्वामित्व वाला ऑल इंडिया रेडियो (AIR) नेटवर्क सभी समाचार रेडियो स्टेशनों का मालिक है। 

राजनीतिक संदर्भ:

मूल रूप से उपनिवेश विरोधी आंदोलन का एक उत्पाद, भारतीय प्रेस को काफी प्रगतिशील के रूप में देखा जाता था, लेकिन 2010 के मध्य में चीजें मौलिक रूप से बदल गईं, जब नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बने और उनकी पार्टी, भाजपा और मीडिया पर हावी होने वाले बड़े परिवारों के बीच एक शानदार तालमेल बनाया। प्रमुख उदाहरण निस्संदेह मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाला रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह है, जो अब मोदी के निजी मित्र हैं, जिनके पास 70 से अधिक मीडिया आउटलेट हैं, जिन्हें कम से कम 800 मिलियन भारतीय फॉलो करते हैं। बहुत पहले ही, मोदी ने पत्रकारों को अपने और अपने समर्थकों के बीच सीधे संबंधों को प्रदूषित करने वाले "मध्यस्थों" के रूप में देखते हुए एक आलोचनात्मक रुख अपनाया। भारतीय पत्रकार जो सरकार की बहुत आलोचना करते हैं, उन्हें भक्त कहे जाने वाले मोदी भक्तों द्वारा चौतरफा उत्पीड़न और हमले के अभियानों का शिकार होना पड़ता है। 

कानूनी ढांचा:

भारतीय कानून सैद्धांतिक रूप से सुरक्षात्मक है लेकिन सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों के खिलाफ मानहानि, देशद्रोह, अदालत की अवमानना ​​और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोपों का तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है, जिन्हें "राष्ट्र-विरोधी" कहा जाता है। कोविड -19 का मुकाबला करने की आड़ में, सरकार और उसके समर्थकों ने मीडिया आउटलेट्स के खिलाफ मुकदमों का गुरिल्ला युद्ध छेड़ दिया है, जिनकी महामारी के कवरेज ने आधिकारिक बयानों का खंडन किया है। सरकार विरोधी हड़तालों और विरोध प्रदर्शनों को कवर करने की कोशिश करने वाले पत्रकारों को अक्सर गिरफ्तार किया जाता है और कभी-कभी मनमाने ढंग से हिरासत में लिया जाता है। ये बार-बार उल्लंघन मीडिया स्व-नियामक निकायों, जैसे कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर (ईएमएमसी) को कमजोर करते हैं।

आर्थिक संदर्भ:

भारतीय प्रेस चिकनी मिट्टी के पैरों वाला एक विशाल प्रतिमूर्त्ती है (The Indian press is a colossus with feet of clay). अक्सर बड़े शेयर बाजार मूल्यांकन के बावजूद, मीडिया आउटलेट बड़े पैमाने पर स्थानीय और क्षेत्रीय सरकारों के साथ विज्ञापन अनुबंधों पर निर्भर करते हैं। व्यापार और संपादकीय नीति के बीच एक वायुरोधी सीमा के अभाव में, मीडिया अधिकारी अक्सर बाद को व्यापार की जरूरतों के अनुसार समायोजित करने के लिए एक चर के रूप में देखते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर, केंद्र सरकार ने देखा है कि वह इसका फायदा उठाकर अपनी कहानी थोप सकती है, और अब अकेले प्रिंट और ऑनलाइन मीडिया में विज्ञापनों पर 130 बिलियन रुपये (5 बिलियन यूरो) से अधिक खर्च कर रही है। हाल के वर्षों में "गोदी मीडिया" (मोदी के नाम और लैपडॉग पर एक नाटक) का उदय देखा गया है - टाइम्स नाउ और रिपब्लिक टीवी जैसे मीडिया आउटलेट जो लोकलुभावनवाद और भाजपा समर्थक प्रचार को मिलाते हैं। इसलिए बहुलवादी प्रेस के पुराने भारतीय मॉडल को उत्पीड़न और प्रभाव के संयोजन से गंभीर रूप से चुनौती दी जा रही है।

सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ:

भारतीय समाज की विशाल विविधता मुख्यधारा के मीडिया में बमुश्किल परिलक्षित होती है। अधिकांश भाग के लिए, केवल उच्च जातियों के हिंदू पुरुष ही पत्रकारिता में वरिष्ठ पदों पर हैं या मीडिया के अधिकारी हैं - एक पूर्वाग्रह जो मीडिया सामग्री में परिलक्षित होता है। उदाहरण के लिए, प्रमुख शाम के टॉक शो में भाग लेने वालों में 15% से कम महिलाएं हैं। कोविड -19 संकट की ऊंचाई पर, कुछ टीवी होस्टों ने वायरस के प्रसार के लिए मुस्लिम अल्पसंख्यक को दोषी ठहराया। मीडिया परिदृश्य फिर भी वैकल्पिक उदाहरणों में समृद्ध है जैसे खबर लहरिया, एक मीडिया आउटलेट जो केवल ग्रामीण क्षेत्रों और जातीय या धार्मिक अल्पसंख्यकों से महिला पत्रकारों से बना है।

सुरक्षा:

हर साल औसतन तीन या चार पत्रकार अपने काम के सिलसिले में मारे जाते हैं, भारत मीडिया के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। पत्रकारों को पुलिस हिंसा, राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा घात लगाकर हमला करने और आपराधिक समूहों या भ्रष्ट स्थानीय अधिकारियों द्वारा घातक प्रतिशोध सहित सभी प्रकार की शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ता है। हिंदुत्व के समर्थक, वह विचारधारा जिसने हिंदू को बहुत दूर तक जन्म दिया, अपनी सोच के विपरीत किसी भी विचार पर चौतरफा ऑनलाइन हमले करते हैं। घृणा और हत्या के आह्वान के भयानक समन्वित अभियान सोशल मीडिया पर चलाए जाते हैं, ऐसे अभियान अक्सर और भी अधिक हिंसक होते हैं जब वे महिला पत्रकारों को लक्षित करते हैं, जिनके व्यक्तिगत डेटा को हिंसा के लिए एक अतिरिक्त उत्तेजना के रूप में ऑनलाइन पोस्ट किया जा सकता है। कश्मीर में भी स्थिति अभी भी बहुत चिंताजनक है, जहां पत्रकारों को अक्सर पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा परेशान किया जाता है, कुछ को तथाकथित "अनंतिम" हिरासत में कई वर्षों तक रखा जाता है।

- जनवरी 2022 से अब तक भारत में 1 पत्रकार की हत्या की जा चुकी है और वर्तमान में कुल 13 पत्रकार जेलों में क़ैद हैं।

Source: https://rsf.org/en/country/india

(Translated In Hindi By Aligarh Muslim University's Aluminus Cum Indian Journalist Nehal Ahmad; You may contact him through following mail & links:-)

thenehalahmad@gmail.com
https://t.me/nehalahmadofficial
facebook.com/nehalahmadofficial
Instagram.com/nehalahmadofficial
linkedin.com/in/nehalahmadofficial
yourquote.in/nehalahmadofficial youtube.com/NehalAhmadOfficial  https://nehalahmadofficial.blogspot.com
#nehalahmadofficial 

Tuesday, January 25, 2022

कुलपति ने एएमयू किशनगंज केंद्र में रखा अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास का शिलान्यास

Aligarh, January 25, 2022 | Public Relation Office | Translated In Hindi By AMU Aluminus Journalist Nehal Ahmad |

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने आज वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के किशनगंज केंद्र में अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास की आधारशिला रखी। नए छात्रावास का निर्माण अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए 10.50 करोड़ रुपये की विशाल राशि से किया जाएगा।

वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने कहा कि “मैं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, बिहार सरकार और बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को उनके उदार समर्थन के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
साथ ही कहा कि हमने केंद्र के लिए पदों और निधियों की मंजूरी के लिए शिक्षा मंत्रालय को एक विस्तृत प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया है, जिस पर हाल ही में मंत्रालय की एक बैठक में विचार किया गया था।

प्रो मंसूर ने इस बिंदु को चिन्हित करते बताया कि नए छात्रावास से अल्पसंख्यक छात्राओं को विशेष रूप से सीमांचल क्षेत्र की बहुत मदद मिलेगी क्योंकि महिला शिक्षा के लिए कई और शैक्षणिक संस्थानों की आवश्यकता है।
कुलपति ने कहा कि , "किशनगंज केंद्र में हमारा प्रबंधन अध्ययन यानी मैनेजमेंट स्टडीज़ कार्यक्रम है और हम शिक्षा पाठ्यक्रम में स्नातक को फिर से शुरू करने और केंद्र में बीए एलएलबी कार्यक्रम शुरू करने का इरादा रखते हैं।"

उन्होंने जोर दिया: "चूंकि एएमयू सर सैयद अहमद खान द्वारा शुरू किए गए एक शिक्षा आंदोलन का हिस्सा है, इसलिए उम्मीद है कि किशनगंज, मुर्शिदाबाद और मल्लापुरम में स्थित तीन विश्वविद्यालय केंद्र आने वाले वर्षों में पूर्ण विश्वविद्यालयों में विकसित होंगे। 

प्रो मंसूर ने आगे बताया कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने छात्रों के आवासीय आवास के लिए मुर्शिदाबाद और मलप्पुरम केंद्रों के लिए भी 50-50 करोड़ रुपये दिए हैं।
स्वागत भाषण में, प्रोफेसर हसन इमाम (डायरेक्टर, किशनगंज केंद्र) ने कहा कि एएमयू भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच एक अद्वितीय स्थान रखता है और इसके केंद्र विश्वविद्यालय की पहचान को आगे बढ़ाते हैं, जिसमें भारत के विचार को बहुलवाद और समावेशिता के चरित्र में दर्शाया गया है।


एएमयू रजिस्ट्रार, श्री अब्दुल हमीद-आईपीएस, प्रो एम मोहसिन खान (वित्त अधिकारी) और प्रोफेसर अफिफुल्ला खान (ओएसडी विकास) ने भी ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया।

कार्यक्रम का संचालन यासर इमाम (इवेंट कोऑर्डिनेटर) ने किया, जबकि डॉ. ज़ेबा नाज़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

This news is published by Public Relation Office, Aligarh Muslim University & Translated in Hindi By Journalist Nehal Ahmad , An Aluminus Of AMU .

Email: thenehalahmad@gmail.com 

ज़िंदगी और विश्व पर्यटन दिवस 2024

जीवन में ठहराव और घूमने-फिरने दोनों के अपने-अपने मायने हैं। उन मायनों में दोनों का अपना-अपना महत्व है।  अगर इंसान हमेशा एक जगह ह...