Thursday, August 6, 2020

AMU देश भर में तीसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय: IndiaToday रैंकिंग 2020


Picture Credit: Engineer Maqbool 

नेहाल अहमद || छात्र-पत्रकार 
2 अगस्त, 2020 की ख़बर

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की अकादमिक उत्कृष्टता को उसके शताब्दी वर्ष में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर लगातार मान्यताएं प्राप्त हो रही है. जहाँ एक ओर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को बदनाम करने के लिए प्रिंट सहित इलेट्रॉनिक मीडिया का एक बड़ा हिस्सा कोई मौका नहीं छोड़ता, वहीं दूसरी ओर एएमयू ने एक बार फिर देशभर की सर्वश्रेष्ठ विश्विद्यालयों की रैंकिंग में अपना दबदबा कायम कर उन्हें मुँहतोड़ जवाब दिया है. यह अलग बात है कि इस विषय में टीवी में कोई लाइव बहस या बातचीत नहीं होगी और न ही इसे बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा जिससे कि जिन आम लोगों तक एएमयू की ग़लत छवि पहुँचाई गई थी उन तक इसकी सच्ची तस्वीर भी पहुँचाई जा सके.

टाइम्स हायर एजुकेशन, लंदन द्वारा उच्च रैंकिंग प्राप्त करने के अलावा, एएमयू को भारत की प्रमुख न्यूज़ मैगज़ीन "इंडिया टुडे" द्वारा तीसरा रैंक प्राप्त हुआ है. इस रैंकिंग में 1000 से अधिक सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है. बड़ी बात ये है कि यह रैंकिंग सरकारी एवं निजी दोनों विश्वविद्यालयों की श्रेणी में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) को तीसरे स्थान पर रखता है.

इंडिया टुडे द्वारा घोषित रैंकिंग के अनुसार, एएमयू ने अधिकतम 2000 अंकों में से 1718.6 अंक प्राप्त किए हैं.

90 पीजी पाठ्यक्रमों को प्रदान करते हुए उस आधार की उत्कृष्टता पर AMU को यह सफ़लता प्राप्त हुई है. यह 'सामान्य विश्वविद्यालयों (सरकारी) श्रेणी के तहत चौथी रैंक हासिल करने में भी सफल रही है, जिसमें पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक पेटेंट दिए गए हैं.'

'इंडिया टुडे' ने सर्वश्रेष्ठ लॉ कॉलेजों की रैंकिंग को एएमयू के फैकल्टी ऑफ लॉ में 11 वीं रैंक पर रखा है.

एएमयू के कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इस उपलब्धि के लिए संकाय और छात्रों को बधाई दी है, जो विश्वविद्यालय को उसकी असाधारण सफलता के क्षेत्र में ले जाने के उनके प्रयासों का खुलासा करता है. उन्होंने पिछले कई महीनों में COVID19 महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं को एक  तरफ़ रख़ते हुए AMU को अपना स्थान बनाये रखने पर संतोष व्यक्त किया.

उन्होंने कहा "उल्लेखनीय सफलता से पूरे विश्वविद्यालय बिरादरी ने गर्व महसूस किया है और यह विश्वविद्यालय के शिक्षकों की कड़ी मेहनत और ईमानदारी का नतीजा है." 

बहरहाल, यह पहला मौका नहीं है जब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को यह सफलता  हाथ लगी हो. इससे पहले भी एएमयू अपना दबदबा कई क्षेत्रों में कायम रखता चला आ रहा है जो आपको किसी न्यूज़ चैनल के साइट पर पढ़ने को तो मिल जाएगा लेकिन उन मुद्दों को प्रमुखता मिले उसे लेकर टीवी चैनल पर कोई लाइव डिबेट, बातचीत होती नहीं दिखेगी. इस तरह एक एजेंडे के तहत एएमयू की ग़लत छवि प्रदान करने की कोशिश में लगा भारत का मीडिया कई बार खुद का ही प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 'पर्दाफ़ाश' करता हुआ दिखता रहेगा जो उसके दोहरे मापदंड का मानक है. अपने बचाव के लिए जब इन्हें पत्रकारिता दिखानी होगी तो वेब न्यूज़ में वो दिखाया जाएगा और चाटूकारिता सुबह-शाम की ख़बर- डिबेट से तो न्यूज़ चैनलों में दिखती रहेगी.

thenehalahmad@gmail.com

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